Tuesday, October 27, 2015

जाति धर्म और समाज




दोस्तों हमारे देश में सदियों  इन  तीन  शब्दों का बहुत महत्व रहा है कहने में और सुनने में ये बड़े छोटे सुनाई देते है लेकिन इनका सार कहने और  सुनने   की सीमा   से  परे   है  आज  हमारा  समाज देश  इन्हे  चीजो  की  वजह  से बटा  हुआ  है जिसको  भी सत्ता पाने की चाहत होती है वो सबसे पहले  इनको ही हथियार बना कर हमारे समाज पर  और  हमीं  लोगो  पर  चला  कर  विजय  प्राप्त करना चाहता  है क्योकि  सत्ता   के लालची  लोग  ये अच्छी तरह से जानते है की भारत में  अगर  शासन   करना है  तो  लोगो  में  फूट डलवा  कर  किया  जा  सकता  है ऐसा पहले  भी  होता था जब अंगेरज़ो ने फूट डालो और शासन करो की नीति बनाई थी जिससे  हमारा देश बाटा गया और वही अलग हुआ हिस्सा आज हमारे देश के लिए  सर दर्द बना  हुआ  है  इससे  किसे   फायदा   हुआ  निसंदेह  आम  जनता  को  तो  बिलकुल  भी  नहीं हजारो लोग मारे घर उजड़ गए बच्चे अनाथ हो गए  लेकिन बटवारा करवाने वालो को आंच तक नहीं आई  उस  वक़्त  भी  यही  घटनाए  हो   रही   थे  हिन्दुओ   के मंदिर  में गाय  काट कर डालना और  मुस्लिमो  के  मस्जिद  में  सूअर  डालना ये काम सामाजिक लोग  नहीं  कर  सकते  क्योकि  हर सामाजिक आदमी ये अच्छी  तरह  से जानता  है की समाज आपसी सहयोग और  प्यार व भाईचारे   से बनता है फिर   ये  लोग  कौन  है  जो  हमारे  समाज  को  और  आपसी  भाईचारे  को  तोड़ने  पर  लगे  हुए  है ये लोग जो हमारे लिए दिखावा करते है की दूसरे धरम वालो की ईट से ईट बजा देंगे ये लोग हमें रास्ता क्या दिखायेगे जो खुद गलत रास्ते पर चल रहे है पहले  जब हमारे घरो में पड़ोसियों से लड़ाई होती थी तो दोनों  घर के मुखिया बड़े बुजुर्ग  उसको शांति से सुलझाया करते थे ये नहीं कहते थे की 15 मिनट  पुलिस हटाओ हम देख लेंगे हम देख  लेंगे  से   उनका   मतलब  ये  नहीं  है  की  वो  देख  लेंगे  लड़वाएंगे  वो  हमें  ही  भई  क्यों  तुम  कौन  होते  हो  हमें  लड़वाने  वाले  ये लोग  जब  सत्ता में  नहीं  है  तब ऐसी  घटिया  बात  कर  रहे  है  जब  सत्ता  में  होंगे  तो  न  जाने  क्या  करेंगे   इन लोगो को उन फुटपाथ पर सोते हुए लोगो के लिए कोई हमदर्दी नहीं आती जो मजबूर और बेसहारा है की  अगर  तुम्हे  रहने  को  छत  और  खाना  नहीं  मिला  तो  हम  अपने  तरफ  से  देंगे   क्योकि वो इनको दुआ के अलावा कुछ नहीं दे सकते हमें  जागना  होगा  देश  में  फिर  बटवारे  वाले  हालात  न  बने  इसका  हर  इंडियन  को  ख्याल  रखना  होगा  एक दूसरे  की  भावनाओ  का यदि हम ख्याल  नहीं  रखेंगे  तो कौन रखेगा कब   तक हम  आग  से  आग  बुझाते   रहेंगे  हम  इसी  धरती  पर  पैदा  हुए यही  हमने  सब  कुछ  सीखा  फिर  क्यों हम इसका  नामो  निशान  मिटने  पर  तुले  हुए  है मजहब  के लिए धर्म के लिए लोगो को मारकर क्या मिलेगा ये धर्म हमारे पूर्वजो ने सही तरीके से जीने के लिए बनाए थे लेकिन हम लोग तेरा धरम नया तेरा पुराना कर रहे है  क्यों हम दकिया नूसी बातो से अलग हट कर नहीं सोच सकते एक उज्जवल भविस्य की तरफ जहा न कोई छोटा न कोई बड़ा ना जात पात ऊपर वाले ने हमें इंसान बना कर भेजा है लेकिन हम खुद तो अलग हुए ही उसको भी बाट दिया और आखिर में दोस्तों एक लाइन  आपके साथ बाट रहा हु। ……घर से मंदिर  मस्जिद   है बहुत दूर चलो यु करले किसी रोते हुए बच्चे को हसाया जाए किसी रोते हुए बच्चे को हसाया जाए लव ओनली इंडिया


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क्रोधी बालक                                                                                                                                            




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