दोस्तों दीपावली हिन्दुओ का मुख्य त्यौहार है श्री राम चन्दर जी जब 14 वर्ष का बनवास काट कर वापस अयोधा आए थे तो उनके लौटने की ख़ुशी में अयोध्या वासियो ने पुरे नगर को दीपो पुष्पों से सजा दिया था तभी से हर साल कार्तिक मॉस की अमावस्या को ये पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन देवी लक्ष्मी की भी पूजा होती लोग अपने रिस्तेदारो नजदीकीओ में मिठाई के डिब्बे बात कर शुभ कामनाऐ देते है तथा तरह तरह की आतिशबाजियां करते है हम छोटे थे तो कई दिन पहले से दीपावली की त्यारियों में जुट जाते थे लास्ट नाईट तो हद हो जाती थी नींद ही नहीं आती थी सुबह होते होते बच्चे छोटे मोटे बम चलाने लगते थे लेकिन फाइनली जब लक्ष्मी पूजा होती थी तभी पूरा बमो का स्टॉक हमारे हाथ लगता था बर्फी खा खा के मन ऊब जाता था और देखते ही देखते शाम कब रात हो जाती थी पता हे नहीं चलता था फिर अगले साल दीपावली का इन्तजार यही हर साल होता था दोस्तों समय पहले की अपेक्षा काफी बदल गया है पहले सरसो के तेल के लोग दीप जलाते थे जिससे वायु प्रदूषण काम होता था क्योकि सर्सो का तेल से जो धुए के रूप में कालिख निकलती थी वो वातावरण में फैले धूल और अशुद्धियों को अपने साथ चिपका के इक्कठा कर लेती थी पहले 100 रूपए के पटाखे पुरे परिवार के लिए काफी होते थे लेकिन अब 100 रुपए का एक चरकरी का पैकेट आता है उसी प्रकार पहले इतना पोलूशन नहीं था गाड़िया कम थी वृक्ष बहुत थे लेकिन अब गाड़ियों की मैक्सिमम संख्या का अन्दाजा कोई नही लगा सकता वृक्षों की कटाई पुरजोर चल रही है इसीलिए हमें पर्यावरण के सरंक्षण का कार्य करना होगा बिना किसी बहस के हमें दिल से ये मानना ही होगा की इस वक़्त पोलूशन की मात्रा पहले से अधिक है दिल्ही में साँस लेना भी मुश्किल हो जाता है जो लोग हटधर्मी बने हुए है उनेह निमोनिया ग्रस्त बच्चो और साँस की बीमारियो से ग्रस्त वृद्धो को देखना चाहिए की उनकी इन दिनों क्या हालत होती है हम ये त्यौहार किसी को नीचा या छोटा दिखने के लिए नहीं मनाते बल्कि अपनी खुशियो का इजहार करने के लिए मनाते है दोस्तों क्रेकेर चलाना बुरा नहीं है लेकिन इसकी मात्रा को हमें निर्धारित करना होगा अपनी तथा समाज की भलाई के लिए जितना हो सके कम से कम पटाखे जलाए इसी लिए दीपावली से पहले ही ये पोस्ट कर रहा हु ताकि अभी से ये मेसेज सभी को पहुंच जाये अगर इस मेसेज को एक भी आदमी अग्रि करता है तो में समझूँगा की मेरा लिखना बेकार नहीं गया धन्यवाद दोस्तों एक लाइन दिल से ख़ुशी को फील करे --------- अपने लिए जिए तो क्या जिए अपने लिए जिए तो क्या जिए तू जी ए दिल ज़माने के लिए
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