हमारे देश में फ़ौज को सबसे उचा दर्जा दिया जाता क्योकि फौजी हमारे देश की सरहदो की हिफाजत दिन रात जागते हुए अपनी जान पर खेल कर साल भर अपने परिवार से दूर रह कर करते है और सही है लेकिन हमारे आस पास एक और ऐसा प्रोफेसन है जो काम तो ऐसे ही करता है पर उसी और उसके परिवार को वो security वो respect नहीं मिलती जिसका वो हकदार है जो हमारे लिए must important है जो हमरे लिए दिन रात काम करता है बॉस ने कहा की Sunday को हमारी फैमिली पिकनिक मानाने जाएगी तुम सुबह 6 बजे आ जाना क्या उस ड्राइवर की अपनी कोई फैमिली नहीं है जिसके साथ उसे अपना Sunday गुजारना हो , रात को 11 बजे जब वो ड्राइवर घर आता होगा उसके बचे सो चुके होते होंगे रोटी ठंडी हो चुकी होगी लेकिन इतनी रात को क्या उसको भूख लगती होगी और अगर खाना खता भी होगा तो क्या मन से खा पाता होगा दोपहर के 4 बजे है राजू driver गाड़ी को सुबह से चला रहा है गर्मी जोरो की है मालिक कि जल्दी की वजह से वो खाना खा नहीं पाया जैसे ही उसका मालिक अपनी निर्धारित की गयी जगह पर पहुचता है वो अपना सामान लेके अंदर चला जाता है बाहर बैठा राजू गर्मी में अपना पसीना पोछने के अलावा और क्या कर सकता है उस अनजान जगह पर उसके बॉस ने उस driver को पानी पूछने तक की जेहमत नहीं उठाई ऐसा अकेले राजू के साथ नहीं जायदातर लोगो के साथ होता जब हमारा काम होता है तो वो हमारा काम निकाल देता है और जब उसकी बारी आती है तो हम कह देते है अरे driver ही तो है सवाल आता है क्यों क्या ड्राइवर उनके इशारो पर चलने वाली कोई मशीन है जिसे जब चाहे ओन किया काम खत्म होने पर ऑफ कर दिया क्या driver इंसान नहीं होता क्या उसे इंसानो की दुनिया में मशीन की तरह देखा जाता है ज्यादा तर लोग ये समझते है की ड्राइवर शराब पीते है गन्दी आदतो के शिकार होते है वो लोग उनके ऊपर मजाक मजाक में कह भी देते है की क्या शराब पी के आए हो जिनके बच्चॆ खुद गन्दी आदतो के शिकार होते है उनके लिए में यही कहना चाहूंगा हर driver शराबी नहीं होता क्या किसी को उस ड्राइवर से बिलकुल भी हमदर्दी नहीं होती जिसका वो दिन रात शोषण करते है और बदले में उस ड्राइवर को क्या मिलता है कुछ नहीं कोई भविस्य नहीं उसके बचो का कोई फ्यूचर नहीं कोई medical सुविधाए नहीं और सबसे मजे की बात हमारी सरकार भी इनके बारे में कुछ सोचने के लिए अपना समय ख़राब नहीं करना चाहती क्या human right वालो को ये नजर नहीं आते क्या ड्राइवर के कोई मौलिक अधिकार नहीं है देश में आज जितनी ख़राब dasha इस ड्राइवर पोस्ट की है किसी की नहीं कब तक हम आँख मुंड कर देखते रहेंगे लोगो को नजरिया बदलने की जरुरत है तथा सरकार को भी ड्राइवर्स के लिए योजना बनानी चाहिए जिससे ये लोग भी सम्माननीय व विकासशील जीवन जी सके---
मेरे दोस्तों अगर आप के पास भी कोई मोटिवेशनल कहानी या समाज से जुडी कोई महत्वपूर्ण जानकारी है जो आप अपने साथियो के साथ बाटना चाहते है तो आप का स्वागत है आप अपनी कहानी मुझे मेल कर सकते है और साथ में अपनी फोटो भी भेज सकते है कहानी पसंद आने पर आपके फोटो के साथ ब्लॉग पर पोस्ट की जाएगी मेल करे: agentvikash.lic@gmail.com
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