Thursday, May 14, 2015
अंग्रेजी दवाओ से सावधान
अंग्रेजी दवाओ से सावधान
आप जो अंग्रेजी दवाई खा रहे है जरा उन के साइड इफ़ेक्ट पर भी गौर कर ले वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने लगभग 7200 तरह की इंग्लिश दवाओ की सूचि तैयार की है तथा उन पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है क्योकि ये दवे लम्बे समय तक उदर में जाने पर आंतो लीवर और किडनी पर हानिकारक असर डालती है जिससे आदमी के प्राण भी जा सकते है कुछ समय पूर्व न्याय धीश हाथिसाहब की अध्यक्ष्ता में एक जाँच कमीशन बनाया गया था की इस देश में कितनी दवाए जरुरी है और कितनी गैर जरुरी जिन्हे दवे कम्पनिया अपने फायदे के लिए बीच रही है जब रिपोर्ट आई तो उसमे पता चला की केवल 117 टाइप की दवाई हे जरुरी थी बाकी 8400 तरह की दवे विदेशी कम्पनिया केवल अपना फायदा कमाने के लिए बीच रही थी और अपने देश के ही कुछ लालची डॉक्टर इस सडयंत्र में उनका साथ दे रहे थे पेरासिटामोल जिसका हमारे देश में बुखार कम करने के लिए इस्तेमाल होता है जापान में इसे पोलियो की वजह बता कर बेन कर दिया गया है इसके बावजूद भारत में प्रजा का प्रतिनिधित्व करने वाली सरकार देशवासियो के हित को न देखते हुए अपने ही हित को साधने में लगी हुए है सरकार कुछ करे या न करे अगर आपको स्वस्थ रहना है तो इन जहरीली दवाईयों का प्रयोग बंद करे और करवाए भारतीय संस्कर्ति ने हमें जो निर्मल और निर्दोष और्वेदिक औषधि दी है उनेह अपनी . साथ में हमें ये नहीं भूलना चाहिए की शक्ति के लिए जो अंग्रेजी दवाइया आप को दी जा रही है उनमे प्राणियों के रक्त मांश और मछली के पदार्थ मिले होते है एक शोध करता ने बताया की बुरूफ़ेन नामक दवा जो दर्द निवारण के लिए दी जाती है उसकी 1 मिलीग्राम डोस ही काफी होती है फिर भी आपको 250 मिलीग्राम या उससे दुगनी मात्र में दी जाती है यह अतरिक्त दवा आपके लीवर और किडनी को नुकसान पहुचती है साथ में इसके साइड इफेक्ट भी शरीर को झेलने पड़ते है दोस्तों दवाई के काले बाजार के बारे में सत्यमेव जयते के एक़ एपिसोड में भी बतया गया है की किस तरह से आपको 2 रुपए की चीज 50 रुपए या उससे भी अधिक कीमत दे के खरीदनी पड़ती है इस पोस्ट से मेरा एक हे प्रयोजन है की हम लोग कही न कही इन कम्पनियो तथा इनके एजेंटो के जाल में फस कर अपना खून पसीने से कमाया हुआ पैसा पानी की तरह लूटा बैठते है फिर भी हमारे हाथ सिर्फ बीमारिया ही लगती है इसको रोक जाये . होमोयोपेथिक और आयर्वेद में आपको बिना साइड इफ़ेक्ट के पक्का इलाज मिलता है जो ये अंग्रेजी दवाई कभी नहीं दे सकती दोस्तों कुछ लोगो को ये भरम है की होमोयोपेथिक और आयुर्वेदिक दवाइया देर से काम करती है मै खुद होमोयोपेथिक डॉक्टर से जब भी इलाज करवाता हु मुझे 1% भी नहीं लगता की ये मेडिसिन लेट काम करती है इसका लेट करने का कारन है के हम लोग जो इतनी ज्यादा मात्रा में एंटीबायोटिक खा रहे है उस ने हमारी बॉडी को एडिक्टेड कर दिया है ऐसे लोगो को टाइम लग सकता है लेकिन जब आप बात बात पर एंटीबायोटिक खाना छोड़ कर इन दवाईयों को लेंगे तो आपकी बॉडी भी अंग्रेजी दवाईयों के एडिक्शन से मुक्त हो जाएगी होमोयोपेथिक या आयुर्वेदिक दवाई हमारी बॉडी को खुद एंटीबायोटिक बनाने में हेल्प करती है जिससे हम पूर्ण रूप से ठीक हो जाते है जैसे शुगर के मरीज को बाहर से इन्सुलिन लेना पड़ता है और अगर वही इन्सुलिन हमारी बॉडी खुद बने तो हमें कभी शुगर हो ही नहीं सकती
शुभकामनाओ सहित आपका विकास कौशिक
मेरे दोस्तों अगर आप के पास भी कोई मोटिवेशनल कहानी या समाज से जुडी कोई महत्वपूर्ण जानकारी है जो आप अपने साथियो के साथ बाटना चाहते है तो आप का स्वागत है आप अपनी कहानी मुझे मेल कर सकते है और साथ में अपनी फोटो भी भेज सकते है कहानी पसंद आने पर आपके फोटो के साथ ब्लॉग पर पोस्ट की जाएगी मेल करे: agentvikash.lic@gmail.com
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