भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की वर्ष 2014 से पहले जारी पॉलिसी की परिपक्वता के समय 2 फीसदी के स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की वजह से लाखों पॉलिसीधारक सकते में हैं। सकते की वजह यह है कि टीडीएस काटने संबंधी फैसला 2014 में हुआ और इसे पिछली अवधि से लागू किया जा रहा है।
ग्राहकों का कहना है कि जब उन्होंने पॉलिसी ली थी, उस समय इस तरह का न तो कोई प्रावधान था और न ही ऐसी जानकारी दी गई थी। अब इसे पिछली अवधि से क्यों लागू किया जा रहा है।
भारतीय जीवन बीमा निगम के विपणन विभाग से जुड़े एक व्यक्ति के मुताबिक वर्ष 2014 के वित्त विधेयक में एक प्रावधान किया गया था कि जिन पॉलिसियों में प्रीमियम का दस गुना ज्यादा बीमा कवरेज नहीं होगा, उसमें कर में छूट का लाभ नहीं मिलेगा और उसमें 2 फीसदी टीडीएस काटा जाएगा। हालांकि यह प्रावधान 1 नवंबर 2014 से लागू हुआ है, लेकिन इससे पहले जारी पालिसियों में भी 2 फीसदी का टीडीएस काटा जा रहा है।
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